देहरादून। मोदी सरकार वन में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का हार्ट अटैक के बाद दिल्ली एम्स में निधन हो गया। मंगलवार रात अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां पांच डॉक्टरों के टीम ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन सुषमा स्वराज को नहीं बचा पाए। वह ६७ वर्ष थी और काफी दिनों से बीमार चल रही थीं।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि भारतीय राजनीति में सुषमा स्वराज की भूमिका की एक अभिव्यक्ति है।वो एक आसाधारण वक्ता और प्रचारक थी उन्होने जनता पार्टी में शामिल होने के बाद आपातकाल के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था। भारतीय राजनीति में उनकी भूमिका किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता, भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, पहली केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, महासचिव, प्रवक्ता और नेता प्रतिपक्ष रही हैं।
सुषमा स्वराज पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी
उन्होंने इस बार अतुल लोकसभा का चुनाव लड़ा और नहीं हुई। मंगलवार को तबीयत खराब होने के फौरन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गाया। डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के भी AIIMS पहुंचने की सूचना है। अस्पताल में सुषमा स्वराज के पति, उनकेउनकी औरबेटी परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद हैं। तबीयत खराब होने की सूचना मिलने के बाद तुरंत छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट किया, पूर्व विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ सदस्या सुषमा स्वराज की अस्वस्थता का समाचार प्राप्त हुआ। मैं परमात्मा से उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।आशा है कि वे जल्द ही स्वस्थ होकर अपने निवास स्थान वापस आएंगी।