आधी जंग जीती, आधी बाकी, आंदोलनकारी बोले स्थायी राजधानी बने गैरसैंण

देहरादून। बजट सत्र के दौरान भले ही सीएम त्रिवेंद्र सिह ने गैरसैण को ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाये जाने का ऐलान कर दिया हो। लेकिन राज्य आंदोलनकारी सहित कई संगठन अब तक सरकार की घोषणा से संतुष्ट नही हैं। इधर, राजधानी निर्माण अभियान के तहत परेड ग्राउंड में धरना स्थल पर  गैरसैंण को स्थाई और पूर्णकालिक राजधानी बनाने के लिए आंदोलन जारी है।

सीएम की गैरसैण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के बाद मनोज ध्यानी, अध्यक्ष नीति प्रभाग राजधानी निर्माण अभियान ने कहा अभी आधी जंग जीती है।  कहा,  उत्तराखंड राज्य अवधारणा की मांग थी कि उत्तराखंड राज्य बने और उसकी राजधानी गैरसैंण बने। इस दौरान उत्तराखंड राज्य के अनेकों क्षेत्रीय संगठनों, क्षेत्रीय दल और गैरसैंण राजस्थानी निर्माण अभियान ने एक अभियान छेड़ा की गैरसैंण स्थाई और पूर्णकालिक राजधानी उत्तराखंड की बने। इसी क्रम में 17 सितंबर  2018 से आंदोलनकारी धरने पर हैं।

दरअसल,  स्थायी राजधानी की मांग को लेकर दून के अलावा दूसरे स्थानों पर आंदोलनरत हैं । गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा कि गैरसैण राजधानी के विषय में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने को लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने विधानमंडल के भीतर घोषणा की है – उसका हम इस रूप में स्वागत करते हैं कि हमने एक सीढी और पार की है। इससे पूर्व  सतपाल महाराज,  विजय बहुगुणा और  हरीश रावत के कार्य काल में विशेष रूप में विधान मंडल भवन एवं अन्य अवस्थापना विकास के कार्य भराड़ीसैंण में संपन्न हुए हैं। और इसी कड़ी में एक और ऐतिहासिक कदम हुआ है कि उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में घोषणा की गई है।  हम इसे अपनी आधी जीत मानते हैं और इस रूप में देख रहे हैं की आधी लड़ाई जीती है, आधी अभी बाकी है| हम गैरसैंण को स्थाई और पूर्णकालिक राजधानी बनाने तक संघर्ष में बने रहेंगे।  बावजूद हम वर्तमान कदम का स्वागत भी कर रहे हैं।

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ग्रीष्मकालीन राजधानी शहीदों व राज्यवासियों के लिए छलावा

उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ केन्द्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट एन के गुसाईं ने राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा उत्तराखंड की आत्मा गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी के बजाय ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर शहीदों व राज्यवासियों के सपनों व भावनाओं के साथ छलावा किया है। जारी बयान में गुसाईं ने कहा कि मुलायमसिंह यादव द्वारा अभिभाजित उत्तर प्रदेश के समय गठित रमाशंकर आयोग व उत्तराखंड राज्य बनने के बाद गठित दीक्षित आयोग सहित सभी ने राज्य की लगभग 70%जनता गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के पक्षधर रही है और आज भी है। छोटा राज्य दो दो राजधानियोग का बोझ नहीं झेल सकता है। भाजपा को यह भी बताना होगा कि वह राज्य की स्थाई राजधानी कब और कहां बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यवासियों द्वारा पाँचो सांसद व 57 विधायक जीताने के बाद राज्य की जनता स्व॓य को गा महसूस कर रही है।
राज्य की जनता आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में इस कुठाराघात का जवाब अवश्य देगी।

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