15 मई सुबह 4.30 पर खुलेंगे भगवान बद्रीविशाल के कपाट

::;उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2020::::

-15 मई प्रात: 4.30 बजे को खुल रहे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट।

-29 अप्रैल को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले।

-26 अप्रैल खुले श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट।

-द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर  के कपाट 11 मई को खुलेंगे।

– तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को खुलेंगे।

– चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई प्रात: खुलेंगे।

देहरादून: इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर खुल रहे है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के ही साथ श्री बदरीनाथ धाम स्थित अधीनस्थ मंदिरों आदि केदारेश्वर मंदिर, माता मूर्ति मंदिर, शंकराचार्य मंदिर, मंदिर परिसर स्थित गणेश जी के कपाट खुल जायेंगे। श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई ( तपोवन जोशीमठ) के कपाट भी 15 मई को ही खुल रहे है। आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी सहित उद्धवजी एवं कुबेर जी की डोली एवं गाडू घड़ा ( तेलकलश) यात्रा 14 मई शाम तक श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी। जबकि गाडूघड़ा (तेल कलश) यात्रा 5 मई को नरेन्द्रनगर राजदरबार से शुरू हुई। 6 मई को गाडू घड़ा डिमर गांव पहुंची। 11 मई तक गाडू घड़ा डिमर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में रहेगा। 12 मई को गाडू घड़ा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा। 13 मई को गाडू घड़ा यात्रा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 14 मई को आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी गाडू घड़ा सहित श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेगे। 15 मई प्रात:4 बजकर 30 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे। चार धामों में श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल,श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को खुल गये है। देशभर में कोरोना संकट के कारण अभी चारधाम सहित पंच बदरी- पंच केदार एवं अन्य छोटे-बड़े मंदिरों, धार्मिक स्थलों में यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं है। केवल कपाट खोले जा रहे हैं। कोरोना महामारी के टलने के बाद शीघ्र चारधाम यात्रा के गति पकड़ने की संभावना है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि 29 अप्रैल को श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल गये हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 11 मई को खुल रहे है।
:::कार्यक्रम:::
-7 मई को भगवान मदमहेश्वर गर्भगृह से सभा मण्डप में आये।

-8 मई को पारम्परिक छाबड़ी रस्म (नया अनाज चढाने की रस्म) पूरी हुई। इस अवसर पर प्रदेश के पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज भी शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में कार्यक्रम में शामिल हुए। तथा उन्होंने भगवान मद्महेश्वर जी की डोली के दर्शन किये।

-9 मई ऊखीमठ से रात्रि विश्राम हेतु राकेश्वर मंदिर रांसी के लिए प्रस्थान हुआ
-10 मई को रात्रि विश्राम हेतु विग्रह डोली रांसी से गौंडार पहुंचेगी
-11 मई को गौंडार से मदमहेश्वर धाम प्रस्थान एवं 11 मई दिन में ही सिंह लग्न में कपाट खुलेंगे।

::तृतीय केदार तुंगनाथ कार्यक्रम::
श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट इस यात्रा वर्ष 20 मई को दिन में 11.30 बजे खुलेंगे।

विग्रह डोली 18 मई को रात्रि विश्राम भूतनाथ मन्दिर मक्कुमठ में

-19 मई को डोली मक्कुमठ से रात्रि विश्राम हेतु चोपता पहुंचेगी।
-20 मई को चोपता से तुंगनाथ मंदिर
-20 मई बुधवार को कर्क लग्न अश्वनि नक्षत्र 11:30 बजे दिन में भगवान तुंगनाथ जी कपाट के खोल दिए जायेंगे ।

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चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट 18 मई को खुलेंगे कपाट
कार्यक्रम निम्न है। चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ
जी के कपाट 18 मई को प्रात: में खुल जायेंगे।

-14 मई को विग्रह डोली श्री गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर परिसर में आ जायेगी।
_15 मई को डोली परिसर में रहेगी।
-16 मई को डोली पनार बुग्याल पहुंचेगी।
-17 मई को डोली रूद्रनाथ पहुंचेगी।
-18 मई को प्रात:श्री रूद्रनाथ जी के कपाट कपाट खुल जायेंगे।

 

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