लीजिए…पहली बार रोबोटिक तकनीक से बैरिएट्रिक सर्जरी की सफलता 

देहरादून, ऋषिकेश स्थित एम्स में रोबोटिक तकनीक से पहली बार बैरिएट्रिक सर्जरी हुई है। बैरिएट्रिक ऑपरेशन शरीर का वजन कम करने के लिए किया जाने वाला जटिल ऑपरेशन है। यूपी के सहारनपुर निवासी 51 वर्षीय महिला हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द और थाॅयराइड की समस्या से जूझ रही थी। ऑपरेशन के बाद अब महिला स्वस्थ्य है और बीते शनिवार को महिला को अस्पताल से घर भेज दिया गया है.

51 वर्षीय महिला, वजन था 110 केजी

सर्जरी करने वाले गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सर्जन डॉ. लोकेश अरोड़ा ने बताया कि 51 वर्षीय महिला, जिनका वजन 110 किलोग्राम था. वह मोटापे से संबंधित बीमारियों के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द व थाॅयराइड की समस्या से जूझ रही थी. रोगी पहले जनरल मेडिसिन की ओपीडी में आई थीं। जहां से विभिन्न जांचों के आधार पर इस बीमारी का पता लगा और फिर सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने रोगी का रोबोटिक रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास (रोबोटिक बैरिएट्रिक ऑपरेशन) करने का निर्णय लिया। डॉ. लोकेश ने बताया कि यह जटिल सर्जरी लगभग पांच घंटे तक चली। इस सर्जरी के बाद रोगी का वजन अब 10 किलो कम हो गया।

उन्नत तकनीक की होती है सर्जरी

यह उन्नत तकनीक की सर्जरी होती है. जिसमें रिकवरी तेजी से होती है और शरीर में निशान भी नजर नहीं आते हैं। सर्जरी की यह प्रक्रिया उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो अपने शरीर का वजन कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय करते हैं. लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिल पाती है। मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता ने कहा कि मोटापे की वजह से लीवर खराब होने की शिकायत में बैरिएट्रिक सर्जरी को कारगर है। मोटापे की वजह से लीवर में चर्बी जमा हो जाती है। सर्जरी से चर्बी को जमा होने से रोका जा सकता है।