देहरादून, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ आज शुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व मनाने की शुरुआत हो गयी है। मौसम भी ठंडा है। इसी के साथ शुभ कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे। मकर संक्रांति पर इस बार रोहणी नक्षत्र, ब्रह्म योग और आनंदादि योग बन रहा है। यही कारण है कि यह मकर संक्रांति विशेष मानी जा रही है। इस दिन गंगा में स्नान एवं दान-पुण्य करना उत्तम माना जाता है। हालांकि, वर्तमान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंडितों, प्रशासन व पुलिस ने घर पर ही स्नान करने की अपील की है।
हिंदू धर्म में मकर संक्राति पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया गंगा स्नान, खिचड़ी, गर्म वस्त्र, तिल, चावल, घी, कंबल, गुड़ के दान हर कोई कर सकता है। भगवान के दर्शन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आचार्य डा. सुशांत सिंह कहते हैं कि मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा फलदायी होती है। 14 जनवरी को ही सुबह लगभग आठ बजकर दस मिनट से पुण्य काल प्रारंभ हो जाएगा। कोरोना को देखते हुए घर में एक टब अथवा बाल्टी में पानी में गंगाजल की बूंदे डालकर स्नान करें। फिर सूर्यदेव को अघ्र्य दें और उनकी पूजा करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें। काले तिल का दान भी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा खिचड़ी वितरण के कार्यक्रम भी सूक्ष्म किये गए है। श्याम सुंदर मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी भूपेंद्र चड्ढा ने बताया कि अधिकांश लोग घर परिवार, मोहल्ले में ही खिचड़ी बांटेंगे