2003 से शुरू हुआ सफर, 20 वर्षों में 12 बार मौका, अबकी बार केदारखंड नजर आएगा राजपथ पर

देहरादून, इस वर्ष राजपथ नई दिल्ली में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड-2021 के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम रुप से चयन कर लिया गया है। भारत सरकार की ओर से मंगलवार 5 जनवरी को आदेश जारी कर दिये गये हैं। महानिदेशक, सूचना, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में पांच बार की बैठक के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है। इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है।

हालांकि शुरुवात में जो चार बैठकें हुई थी, उसमें उत्तराखंड का चयन स्प्रिचुअल उत्तराखंड नाम फाइनल हुआ था। लेकिन बाद में फाइनल बैठक में इसको  केदारखण्ड नाम दिया गया।

-झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘

– राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’

–  पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं ऋद्धालुओं को दर्शाया गया है।

झांकी के चयन के लिए रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित पांच स्तर की बैठकों में विभाग के उपनिदेशक,  के.एस.चौहान द्वारा झांकी के थीम, डिजाइन, मॉडल तथा संगीत आदि का सफल प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसके फलस्वरुप राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड-2021 में अन्तिम रुप से चयनित किया गया है।

चयन प्रक्रिया जटिल

झांकी डिजाइन के चयन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया होती है, इस वर्ष प्रारम्भ में 32 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों ने प्रतिभाग किया था जिसमें से अंतिम रुप से केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है।

अब तक Uttarakhand के झांकियों का सफर

वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’

, वर्ष 2005 में ‘नंदाराजजात’,

वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’,

वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’,

वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’,

वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’,

वर्ष 2014 में ‘जड़ी बूटी’,

वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’,

वर्ष 2016 में ‘रम्माण’,

वर्ष 2018 में ‘ग्रामीण पर्यटन’

वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास एवं अनाशक्ति)

 

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