देहरादून, शनिवार को अचानक नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार की सियासी हलचलों के बीच फिलहाल के लिए मामला शांत होता दिख रहा है। लेकिन रविवार दोपहर में इस सबके बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण के भराड़ीसैंण पहुंचे। जहां उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं कुछ दिनों के लिए थम गई हैं, लेकिन जानकर बताते हैं अचानक ऐसा क्या हुआ, जो ऐसी खबरें तैरने लगी। हालांकि, इधर पार्टी हाईकमान से भेजे गए दो पर्यवेक्षक वापस दिल्ली लौट चुके हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर हाईकमान या तो मंत्रिमंडल विस्तार की मंजूरी दे सकता है या फिर नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर सकता है।
चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन बीजेपी में पुरानी आदत
दरअसल, भाजपा में चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन किया जाना पार्टी की पुरानी आदत है। बात उत्तराखंड की करें तो यहां ऐसे एक नहीं कई बार हुआ है । चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन यानी कि मुख्यमंत्री बदल दिया जाता है। इस बार भी जब केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के 2 पर्यवेक्षकों को शनिवार देहरादून भेजा तो सियासी गलियारों में अचानक नेतृत्व परिवर्तन की बयार बहने लगी । यहां तक कि केंद्र से केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अचानक देहरादून पहुंचे वहीं दूसरी तरफ गैरसैण में चल रहे बजट सत्र को भी सिमटा देने के साथ अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। फिलहाल अब सबकी नजरें बीजेपी हाईकमान पर टिकी हैं कि कब नया फैसला आ जाय। लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि धुआं तभी निकला जब कहीं आग लगी हो। एक चैनल ने तो तीन नाम भी बता दिए। जिनमें सांसद अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशक और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी शामिल बताए। जिसमें सबसे आगे अजय भट्ट को बताया।