-केदारनाथ में सज गया बाबा का दरबार, लेकिन पहली बार नजर नहीं आएंगे श्रद्धालुबा
-दो दिन पहले ही धाम पहुंच गई थी केदार बाबा की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति
-बुधवार सुबह 6:10 बजे मेष लग्न में पूजा-अर्चना के साथ खुलेंगे मंदिर के कपाट
देहरादून। एक बार आखिरकार वही घड़ी आ गई है, जिसका दुनियाभर के करोड़ों श्रद्धालुओं को हर वर्ष इंतजार रहता है। बात हो रही है केदारनाथ की । जी हां बात केदारनाथ की हो रही है।केदारपुरी भी सज गई है। केदारनाथ के कपाट बुधवार सुबह 6:10 बजे दर्शनार्थ खोले जाएंगे। इसके लिए मंदिर को 10 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। अभी तक की यादों में कपाट सादगी के साथ सिर्फ चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में खोले जाएंगे। इसके बाद रावल और देवस्थानम बोर्ड के प्रतिनिधि धाम में अनुमति के साथ रहने वाले तीर्थ पुरोहित ही लॉक डाउन तक पूजा में शामिल होंगे।गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट २६ अप्रैल को खुल खुल चुके हैं। लेकिन ये पहला मौका होगा जब केदारनाथ कि डोली भी ओंकारेश्वर मंदिर से वाहन से गौरीकुंड तक पहुंची। माता गौरी के मंदिर में रात्रि विश्राम किया गया। इसके बाद दूसरे दिन भीमबली में बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रात को रुकी। यहां से सोमवार को डोली यात्रा बर्फीले रास्तों से केदारनाथ पहुंची। जहां डोली को देवस्थानम बोर्ड के दफ्तर में पूजा की गई। इतिहास में बाबा केदारनाथ पहली बार कपाट खुलने के दो दिन पहले ही धाम में विराज गए। इधर, केदरनाथ धाम बर्फबारी से सफेद चादर में ढका हुआ है। मंगलवार को बाबा केदारनाथ मंदिर को 10 कुंतल गेंदा और अन्य फूलों से सजाया गया।
इससे बर्फबारी के बीच मंदिर रंगबिरंगे फूलों से खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रात्रि को मंदिर में लाइटिंग करने के बाद धाम जगमगा गया। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते चुनिंदा लोग ही धाम में मौजूद है। रूद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल के अनुसार बुधवार को सुबह 6.10 बजे मेष लग्न में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद अगले छह माह तक बाबा केदार की धाम में ही पूजा-अर्चना होगी। धाम में रावल , पुजारी समेत 16 लोग ही पूजा में शामिल होंगे। पुलिस और प्रशासन के लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दूर खड़े रहेंगे।