मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को दून अस्पताल में भर्ती आराकोट, त्यूनी, मोरी एवं उनके आस-पास के गांवों के आपदा पीड़ितों का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल के चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि आपदा पीड़ितों के बेहतर ईलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इस सबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती आपदा पीड़ितों के साथ ही अन्य बीमार व्यक्तियों का भी हालचाल भी जाना। उन्होंने अस्पताल के चिकित्साधीक्षक को यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी चिकित्सक मानवीयता के साथ अस्पताल में भर्ती व्यक्तियों का उपचार करें तथा अस्पताल में उपचार हेतु आने वाले सभी लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाय।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों से अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों से आवश्यक दवाईयों एवं खानपान की उपलब्धता की जानकारी भी ली। मरीजों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उन्हें दवाईयों एवं खाने की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन द्वारा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों का निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। इसके लिए आवश्यक धनराशि की भी व्यवस्था की गई है।
दून अस्पताल परिसर में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए भी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि आपदा में अनाथ हुए अस्पताल में भर्ती दो बच्चों की आवश्यक देखभाल की व्यवस्था सरकार द्वारा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा क़ि सरकार द्वारा आपदा से जुड़े विभागों एवं आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रियता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन सुनिश्चित करने को कहा है। राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन संचालन केन्द्र को और अधिक सक्रिय रहने के निर्देश दिये गये हैं। इस केन्द्र में सचिव आपदा के साथ ही अन्य उच्चाधिकारी निरंतर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। सभी जिलाधिकारियों को भी इस संबंध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव डाॅ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं दून चिकित्साधीक्षक डाॅ. के.के. टमटा आदि उपस्थित थे।