एयरपोर्ट विस्तारीकरण में हजारों पेड़ों की बलि की तयारी, सड़कों पर उतर विरोध का सैलाब, पेड़ों पर चिपक कर चिपको आंदोलन की भी शुरूआत

-मैड सहित तमाम पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं, बुद्धिजीवियों और स्टूडेंट्स उतरे सड़कों पर

– थानों के जंगलों में सड़क पर उतरे विरोध करने वाले, कइयों ने पेड़ों पर चिपक कर जताया विरोध

– बोले, एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का विरोध नहीं, लेकिन बेशकीमती वाइल्डलाइफ में फ्लोरा और फुना को बचाना जरूरी

देहरादून, शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीन द डिफरेंस (मैड) ने रविवार को जन आंदोलन के माध्यम से सरकार की एयरपोर्ट विस्तार परियोजना पर पुरजोर विरोध जताया। यह जन आंदोलन साफ सफाई व करोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुऐ, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किया गया।
संस्था के अध्यक्ष करन कपूर की अगुवाई मे संस्था सदस्यों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया और थानो संरक्षण की मांग की। करन कपूर ने यह भी बताया की ” इस परियोजना के कारण पर्यावरण वह वन्यजीवों पर बहुत गंभीर प्रभाव पडना तय हैं, सरकार को इस प्रस्ताव पर फिर से विचार विमर्श करना चाहिए, यदि ऐसा नहीं किया गया तो आगे भी ऐसे बड़े जन आंदोलन जारी रहेंगे’।

10 हजार पेड़ों के कटने का अनुमान

दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड सरकार द्वारा जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के तहत थानों क्षेत्र के 10,000 पेडों का कटाव निश्चित किया गया है, और राजाजी नेशनल पार्क का 10 किलोमीटर का वन्य क्षेत्र भी इस परियोजना के तहत चिह्नित किया गया है। संस्था की सदस्य चेतना भट्ट ने कहा कि ‘यह परियोजना पर्यावरण की दृष्टि से बेहद विनाशकारी है। ऐसे में सरकार को इस  प्रस्तावित  परियोजना को पूर्ण रूप से खारिज करनी चाहिए। आंदोलन में सम्मिलित हुए छात्रों ने लिखित पोस्टर और जन गीतो के माध्यम से अपना विरोध व्यक्त किया। इस आंदोलन में संस्था के विनोद बगियाल, करन कपूर, आर्ची बिष्ट, श्रेया,यश, इंदर, कृष, शार्दुल अस्वाल, शुभम बिष्ट, अमोगा,प्रदीप आरुषी राना, आदि शामिल हुऐ।

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