उत्तराखंड से अब तक 7 लाख NCC केडेट्स हो चुके ट्रेंड

राजभवन में N C C केडेट्स

-केडेट्स को रिस्पना पुनर्जीवित करण के करने होंगे प्रयास

देहरादून, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि राज्य के एनसीसी कैडेटों को रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के अभियान में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिये। एनसीसी कैडैट राज्य में आपदाओं के दौरान भी बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। वे आपदा प्रबंधन कार्यों में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करें। राज्यपाल  मौर्य ने कहा कि एन.सी.सी. मात्र सेना के लिये ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि युवाओं को प्रेरणा देने तथा समाज में किसी भी विषम परिस्थिति में योगदान देने में भी सबसे आगे रहता है।  राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को राजभवन में गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली राजपथ पर परेड में प्रतिभाग करके आये उत्तराखण्ड एनसीसी कैडटों को सम्मानित किया। राज्यपाल  ने कहा कि देश के विभिन्न भागों के युवाओं को जिम्मेदार एवं एकजुट बनाने में एन.सी.सी की महत्वपूर्ण भूमिका है। एन.सी.सी. में युवाओं को अनुशासित जीवन जीने व कर्तव्य बोध का प्रशिक्षण दिया जाता है। अनुशासन जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल होने के लिये बहुत आवश्यक है। देश की समृद्धि के लिये युवाओं में कर्तव्य बोध होना भी जरूरी है। राज्यपाल  ने कहा कि एनसीसी कैडटों को पर्यावरण संरक्षण, जल संचय व वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों में भी पूरी सक्रियता से प्रतिभाग करना ही होगा।
अपर महानिदेशक सुधीर बहल ने कहा कि उत्तराखण्ड के एन.सी.सी कैडटो ने सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए देशभर में छठा स्थान प्राप्त किया है। उत्तराखण्ड में एनसीसी कैडटों को एसएसबी कैप्सूल में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड एनसीसी ने देश के विभिन्न अभियानों में सक्रिय भागीदारी की है। राज्य में प्रतिवर्ष 32000 एनसीसी कैडटो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में एनसीसी आरम्भ होने के बाद से अभी तक लगभग 7 लाख एनसीसी कैडेट प्रशिक्षित हो चुके है। इस अवसर पर राज्यपाल ने एनसीसी के बेस्ट कैडेटों को सम्मानित किया। कैडैट को उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया। कैडेटों ने राज्यपाल के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये।  कार्यक्रम में एनसीसी निदेशालय के अधिकारी, 116 एनसीसी कैडैट व गणमान्य उपस्थित थे।

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